Sunday, March 24, 2019

Mere Mehboob

The first line is taken from Faiz Ahmed Faiz's famous nazm - "Mujhse pahli si mohabbat mere mehboob na maang" .

मुझसे पहली सी मुहब्बत मेरे मेहबूब न माँग।
कई टुकड़ों में वह कुछ साल पहले बँट गयी है।
I love you के notes supermarket से लाने वाली रसद हो गयी है।
फूल पत्तियों के खर्चे Fixed deposit हो गए हैं।
अब Chaayos में पी गयी चाय के कुछ पल ही मुहब्बत हैं।
दस मुद्दों पर की गयी बातें ही I love you हैं।
क्योंकि मोहब्बत की भी अब उम्र हो चली है।
मुझसे पहली सी मुहब्बत मेरे मेहबूब न माँग।


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